
मैक्स-सफदरजंग में लगभग समान केस
डीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग और मैक्स अस्पताल के दोनों ही मामलों में काफी समानताएं हैं। दोनों में ही नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया गया था। बाद में शिशु जीवित पाया गया। मैक्स अस्पताल केस में अभी लंबी प्रक्रिया शेष है। जबकि सफदरजंग अस्पताल का मामला अंतिम निर्णय पर चल रहा है। जून 2017 की इस घटना के बाद जनवरी अंत तक फैसला पुलिस तक पहुंचेगा। अधिकारी ने ये भी कहा कि दोनों ही मामलों में चिकित्सीय लापरवाही काफी हद तक पाई गई है। अब सवाल उठता है कि इस लापरवाही के चलते दोषियों को सजा कैसी होगी?
ये है मामला
18 जून 2017 को सफदरजंग अस्पताल में एक नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया था। शिशु के पिता रोहित ने शिकायत के मुताबिक, उनकी पत्नी ने 18 जून को एक शिशु को जन्म दिया। बच्चे में कोई हरकत नहीं होने पर डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को एक पैक में बंद कर मोहर लगा दी और अंतिम संस्कार के लिए दे दिया। रोहित के मुताबिक, अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान उसकी बहन को पैक में कुछ हरकत महसूस हुई। जब उसे खोला तो बच्चे की धड़कन चल रही थी। वह हाथ-पैर भी चला रहा था। हंगामे के बाद पीड़ित की शिकायत पर अस्पताल ने जांच के आदेश दिए। हालांकि, करीब सात महीने बाद भी इस केस में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।