राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि माता-पिता एवं वृद्धजन कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत बहू से मासिक गुजारा-भत्ता नहीं लिया जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने धौलपुर एसडीएम के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एसडीएम ने बहू को चार हजार रुपए मासिक अपनी सास को गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए थे।

याचिकाकर्ता की सास ने एसडीएम कोर्ट में परिवाद पेश कर माता-पिता एवं वृद्धजन कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत गुजारा भत्ता मांगा। जिसे स्वीकार करते हुए एसडीएम ने 13 मार्च 2015 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को चार हजार रुपए मासिक गुजारा भत्ता सास को अदा करने को कहा।
याचिका में कहा गया कि माता-पिता एवं वृद्धजन कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा चार के तहत माता-पिता केवल अपनी संतान या वयस्क पोते-पोती से भरण पोषण पाने के हकदार हैं। इसके अलावा निसंतानता की स्थिति में उस निकटतम रिश्तेदार से भत्ता मिलेगा, जिसे उनकी संपत्ति जाएगी। ऐसे में एसडीएम अदालत का आदेश गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एसडीएम अदालत का आदेश रद्द करते हुए कहा है कि अधिनियम के तहत बहू गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य नहीं है।
Loading...