आप क्या पहली मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर जाने के लिए भी लिफ्ट का सहारा लेते हैं? यदि हां, तो बदल लीजिए, अपनी यह आदत। और लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दीजिए। यकीन मानिए, आपको एक्सरसाइज करने की भी जरूरत नहीं होगी। दरअसल, सीढ़ियां चढ़ने से शरीर के कई अंगों की एक्सराइज होती है। इतना ही नहीं, ऐसा करने से आप कई गंभीर रोगों से भी बचे रहेंगे।
वजन होगा कम
एक शोध के अनुसार, जो लोग लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों के सहारे चढ़ते-उतरते हैं, उनमें चर्बी कम होती है। रोजाना दो से तीन मिनट सीढ़ियां चढ़ने से 30 वर्ष की उम्र के बाद बढ़ने वाले मोटापे की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है।
नहीं होगी असमय मृत्यु
सीढ़ियां चढ़ने से उम्र बढ़ती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन सीढ़ियां चढ़ता है, तो इससे असमय होने वाली मौत की संभावना 33 फीसदी तक कम हो जाती है। वहीं प्रतिदिन कोई व्यक्ति लगभग 1.3 मील चलता है, तो मौत की संभावना सिर्फ 22 फीसदी ही कम होती है। चलने के मुकाबले में सीढ़ियां चढ़ने से हम तीन गुना ज्यादा ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं।
कैलोरीज होती है बर्न
कैलोरी बर्न करने के लिए क्या आप हर दिन जॉगिंग के लिए जाते हैं? तो जान लीजिए कि सीढ़ियां चढ़ने में आपके शरीर से जितनी कैलोरीज बर्न होती हैं, उतनी जॉगिंग से भी नहीं होती हैं। जब हम सीढ़ियों से ऊपर-नीचे आते-जाते हैं, तो पूरे शरीर का वर्कआउट हो जाता है। शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरीज से दिल से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
मन रहे खुश व शांत- अब आप ये सोच रहे होंगे कि सीढ़ियां चढ़ने से तो आदमी थकता है, हांफने लगता है। भला, कोई खुश कैसे होगा? कई शोध के अनुसार, जब हम सीढ़ियां चढ़ते हैं, तो उस प्रक्रिया में शरीर एक विशेष हार्मोन ‘एंडोर्फिंन्स’ रिलीज करता है। एंडोर्फिन्स दिमाग को शांत रखता है और खुशियों का संचार करता है। ऐसे में यदि आप सेहतमंद रहने के साथ-साथ खुशियों में इजाफा करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करें।
दिल का रखे ख्याल
सीढ़ियां चढ़ने से दिल की सेहत भी दुरुस्त होती है। जब हम सीढ़ी चढ़ते हैं, तो उस दौरान हृदय गति बढ़ जाती है। खून नसों में तेजी से दौड़ने लगता है, जिससे दिल तेजी से खून पंप करता है। यह दिल के लिए फायदेमंद है। यदि आप प्रतिदिन सात मिनट सीढ़ियां चढ़ते हैं, तो दिल की बीमारियों की संभावना 60 फीसदी तक कम हो जाती है।
डॉक्टर कहते हैं…
सीढ़ी चढ़ने को एरोबिक एक्सरसाइज के तौर पर भी जाना जाता है। इससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। मस्तिष्क को ऑक्सीजन अधिक मिलता है। स्टैमिना बढ़ती है। वजन कम होता है। सेहत लाभ पाने के लिए वॉकिंग, जॉगिंग के बाद सीढ़ी चढ़ना सबसे बेहतर होता है। खासकर उतरना ज्यादा लाभदायक है। गठिया व दिल के रोगी एवं घुटने की इंजरी में सीढ़ी न चढ़ें। शुरुआत में बेशक सीढ़ी चढ़ने से रक्त चाप बढ़ता है, लेकिन बाद में इसकी समस्या ठीक हो जाती है। बच्चों से लेकर 30 वर्ष तक के लोगों के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल अधिक लाभदायक है। -डॉ. रक्षित गर्ग, सीएमओ, एलएनजेपी हॉसि्पटल, दिल्ली