नई दिल्ली। अगले लोकसभा चुनाव के लिए यूं तो भारतीय जनता पार्टी की तैयारी लंबे वक्त से चल रही है। माना जा रहा है कि बुधवार को भाजपा और राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सरकार और संगठन को तेज गति से काम में जुटने का एलान भी हो जाएगा। बुधवार को पहले यह बैठक पूरे दिन चलनी थी, लेकिन अब शायद यह आधे दिन की बैठक होगी। बैठक के एजेंडे में ‘2019 चुनाव की अग्रिम योजना व चुनाव प्रबंधन’ का विषय शामिल है। भविष्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्रियों को राज्य में आमराय बनाने का सुझाव दिया जाएगा।
भाजपा शासित तीन राज्य- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जरूर 2019 के जंग से पहले ही चुनावी मैदान में उतर रहे हैं और उनका नतीजा ही संसदीय चुनाव की भी झलक देगा। बहरहाल, भाजपा ने इसकी तैयारी कर ली है कि जिन राज्यों में बाद में चुनाव है वे शिथिल न पड़ें। माना जा रहा है कि बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में चुनाव केंद्र में होगा। इसी कारण प्रांत के राजनैतिक वातावरण पर भी चर्चा होगी और 2019 के चुनाव की योजना पर भी। एक-दूसरे राज्यों के बीच कितना समन्वय है यह भी चर्चा में शामिल होगा।
एक साथ चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। इसे और धार देने की कोशिश होगी। बताया जाता है कि कि एजेंडे में इसका खाका तैयार है। मुख्यमंत्रियों से कहा जाएगा कि वह किसी व्यक्ति को जिम्मेदारी देकर दूसरे दलों के नेताओं से इस पर चर्चा की शुरूआत करें और उचित माहौल बनने पर विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित करें।
बताते हैं कि सभी मुख्यमंत्रियों को व्यक्तिगत जनसंपर्क पर विशेष ध्यान देने का भी सुझाव दिया जाएगा। पार्टी के एक नेता के अनुसार- उन्हें कहा जाएगा कि ‘डिजिटल प्रजेंस ही नहीं फिजिकल प्रजेंस’ भी बढ़ाए। दरअसल केंद्र के मंत्रियों को भी इसके प्रति आगाह किया गया है। उन्हें उन 115 जिलों में दौरा करने को कहा गया है जो पिछड़े हैं।