राज्य सरकार यूपी में निवेश की बड़ी इबारत लिखने में जुटी है। जहां एनसीआर का दायरा बढ़ाकर बड़े निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है, वहीं बुंदेलखंड की बंजर भूमि पर कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की नींव रखी गई है। नोएडा ग्रेटर नोएडा को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की तैयारी है तो गांव-गांव में खादी पहुंचाने के लिए उसे स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्वेस्टर समिट से पहले निवेश के लिए बड़ी जमीन तैयार करने के लिए जमीनी काम किया है, जिससे इसमें आने वाले उद्योगपतियों को जरूरत के आधार पर सभी सुविधाएं दी जा सकें। इसमें उद्योगपतियों को मनचाहे स्थान पर जमीन देने के साथ सड़क, बिजली, पानी व सुरक्षा की सुविधा देने का भी ध्यान रखा जा रहा है।
राज्य सरकार ने यूपी में 21 व 22 फरवरी को इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया है। इसमें देश की नामी-गिरामी उद्योगपतियों के साथ विदेशी कंपनियों के मुखिया या सीईओ शामिल हो रहे हैं। सरकार चाहती है कि उद्योगपतियों को निवेश का बुलावा देने से पहले उद्योगों की समस्याएं दूर की जाएं। कहना गलत न होगा कि इसी मद्देनज़र सरकार ने कमोबेश सभी विभागों में नई नीतियों को मंजूरी दी है। औद्योगिक इकायों से निवेश कराने के लिए उनकी सुविधाओं से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले कैबिनेट से कराए जा रहे हैं, ताकि हर कोई यूपी की तरफ आकर्षित हो।
एनसीआर में पांच और जिले
– एनसीआर में पांच और जिले मथुरा, शामली, सहारनपुर, अलीगढ़ और बिजनौर शामिल किए गए।
– पहले से सात जिले गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बागपत तथा मुजफ्फरनगर शामिल हैं।
एनसीआर का आकर्षण
उद्योगपति एनसीआर में उद्योग लगाना अधिक पसंद करते हैं। वजह, एनसीआर देश की राजधानी दिल्ली से करीब है। एनसीआर में बिजली, पानी व सड़क के साथ बेहतर बाजार सुविधाएं भी मिल जाती हैं।
एक्सप्रेस-वे से दूरी पड़ती है कम- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे से मथुरा, शामली, सहारनपुर, अलीगढ़ व बिजनौर पहुंचने में समय कम लगता है। राज्य सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए इन पांचों जिलों को एनसीआर में शामिल करने का फैसला किया है।
जमीन की व्यवस्था
राज्य सरकार ने यूपी में उद्योग लगवाने के लिए जमीन की व्यवस्था कर ली है। हर जिले में बंजर या परती पड़ी हुई 500 एकड़ जमीनें चिह्नित की गई हैं।
– सीलिंग एक्ट में साढ़े 12 एकड़ से अधिक खेती की जमीन नहीं खरीदी जा सकती है। उद्योगपतियों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता विधेयक में संशोधन का फैसला हुआ है।
– कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे बुंदेलखंड में आपदा की मार झेल रहे किसान अपनी जमीनों को कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए दे सकेंगे। इसमें सौर ऊर्जा प्लान्ट लगाने की अनुमति भी होगी। सोलर पंपों से खेती का भी रास्ता साफ होगा।
– बड़ी परियोजनाओं का काम नहीं रुकेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई एक्सप्रेस वे बन रहा है या कोई उद्योगपति जमीन लेकर काम शुरू करना चाहता है और इसके बीच आबादी की जमीन आ रही है, तो वह उतनी जमीन दूसरे स्थान पर लेकर दे सकेगा।
शहरों में बना सकेंगे आधुनिक आफिस
आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों ने उद्योगपतियों की सुविधा के लिए सभी प्रमुख शहरों में जमीनें चिह्नित की हैं। इससे उद्योगपति या कंपनियों को जमीन के लिए नहीं भटकना होगा।