आम आदमी को थाने में एक प्रार्थनापत्र देने के लिए भले ही कई चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन जैदपुर पुलिस ने टिकरा उस्मा गांव निवासी मारफीन के तस्कर का पासपोर्ट बनवा डाला। इसकी भनक लगते ही अधिकारियों ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। हालांकि पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया सिर्फ सिपाहियों तक सीमित ही नहीं है, इसमें हर स्तर पर बड़ी गड़बड़ी हुई है।
मजेदार बात ये है कि पासपोर्ट हासिल करने के बाद आरोपी तस्कर उमरा करने चला गया है। इन दिनों वह सऊदी अरब में है। ये हालात तब हैं जब तस्कर पर जैदपुर थाने में ही एनडीपीएस, मारपीट, जानलेवा हमले के नौ मुकदमे और एक केस वाराणसी में दर्ज है।
जैदपुर थाना क्षेत्र के टिकरा उस्मा गांव निवासी शातिर तस्कर कासिम उर्फ सहीम पुत्र तसव्वर अली के पासपोर्ट आवेदन पर थाने की पुलिस ने 27 दिसंबर 2017 को भेजी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी थी। इसी आधार पर उसे हर स्तर पर लाभ मिलता रहा और पासपोर्ट जारी हो गया।
इतना ही नहीं पासपोर्ट पाने के बाद कासिम 26 जनवरी को उमरा करने सऊदी अरब चला गया। 27 जनवरी को जैदपुर पुलिस ने ही बहराइच व नेपाल के दो तस्करों को पकड़कर उनके पास से 440 ग्राम मारफीन बरामद की थी। दोनों ने पूछताछ में कासिम उर्फ सहीम के यहां से मारफीन खरीदना कुबूला था।
पुलिस ने कासिम की तलाश शुरू की तो पता चला कि वो उमरा करने गया है। एसपी अनिल कुमार सिंह ने जैदपुर थाने में तैनात मुंशी अजीत पांडेय, प्रतिमा द्विवेदी, विवेक मिश्र व मुकेश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है। तस्कर भागकर विदेश नहीं गया है उसका पासपोर्ट निरस्त करा दिया गया है।
एसओ ने बचाव में बताया फर्जी हस्ताक्षर
तस्कर को पासपोर्ट जारी करने की रिपोर्ट में थाने से दी गई क्लीन चिट पर बचाव में आए थानाध्यक्ष ने अपने हस्ताक्षर ही फर्जी बता दिए। यही नहीं उन्हीं की रिपोर्ट पर थाने के कार्यालय में तैनात चार मुंशी को निलंबित किया गया है। जबकि पासपोर्ट के हर मामले में एसओ खुद पूरी जांच करके ही रिपोर्ट देते हैं। ऐसे में जैदपुर एसओ की भूमिका सवालों के घेरे में है।